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बजट 2021-22: आत्मनिर्भर भारत - आत्मनिर्भर बिहार

स्वास्थ्य

  • स्वास्थ्य बजट में 137% की ऐतिहासिक वृधि कर 2,23,846 करोड़ का आवंटन
  • COVID-19 वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़
  • संतोष पाठक, सचिव (CSRA)
    स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत के लिए 5 वर्षों में 1,41,678 करोड़
  • दस लाख से अधिक आबादी के 42 शहरी केंद्रों में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 2,217 करोड़
  • अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण स्तम्भ हॉस्पिटैलिटी तथा टूरिज्म में ग्रोथ के लिए कोरोना का टीकाकरण एक जरुरी कार्य है, जिसपर अब सरकार तेजी से आगे बढ़ेगी 
  • टीकाकरण के हेल्थ वर्कर्स की डिमांड बनी हुई है, टीकाकरण के बाद टूरिज्म तथा हॉस्पिटैलिटी सेक्टर्स में भी ग्रोथ बढेगा तब करोड़ों लोगों को पुनः रोजगार मिल सकेगा जो पहले से इसमें कार्यरत थे 
  • इस बजट में प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना की शुरुआत की गयी है | इस योजना के अंतर्गत देशभर के स्वास्थय क्षेत्र का इंफ्रास्ट्रक्चर उत्क्रिस्ट स्तर का बनाया जाना है। बिहार को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा | बिहार के 13 जिलों कटिहार, बेगुसराई, शेखपुरा, अररिया, खगड़िया, पूर्णिया, औरंगाबाद, बांका, गया, जमुई, मुजफ्फरपुर तथा में इंटीग्रेटेड जाँच लैब की स्थापना होगी साथ साथ समय के साथ अन्य सभी जिलों में ये विस्तारित होंगी।
  • राज्य के सभी 38 जिला अस्पतालों में क्रिटिकल केयर यूनिट की स्थापना की जाएगी | इसका सीधा लाभ आम जनता को मिलेगा जिससे उनका स्वास्थय सुविधाओं तक पहुंच आसान होगा साथ स्वास्थय क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

इंफ़्रास्स्ट्रिक्चर - आधुनिक अवसंरचना

  • 5.5 लाख करोड़ का बजटीय प्रावधान जो पिछले वर्ष की तुलना में 34.5% अधिक है।
  • पिछले 6 वर्षों में सड़क निर्माण की गति तेज 
  • रेल सुरक्षा और सुविधा पर विशेष ध्यान; माल ढुलाई की सुगमता और मालगाड़ी की गति बढ़ाने के लिए डीएफ़सी का शुभारंभ; स्टेशन को आदर्श बनाना; स्वच्छता पर विशेष ध्यान; स्वदेशी रेल के आधुनिक इंजन और डब्बों का निर्माण; इत्यादि 
  • हवाई अड्डों का विस्तार; उड़ान परियोजना की शुरूवात जिससे दरभंगा भी हवाई मार्ग से जुड़ गया; हवाई अड्डों का विस्तार जिससे पटना हवाई अड्डा भी लाभान्वित
  • रक्षा क्षेत्र में विनिर्माण को बढ़ावा; 200 करोड़ के टेंडर बस भारतीय उपक्रम ही भर पाएँगे; स्वदेशी अपनाने पर बल 
  • इस बजट में भी इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में ख़ास जोर दिया गया है | भारतमाला योजना से अबतक 3800 किमी सड़कें बन चुकी हैं और अब 8500 किमी सड़क का निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, तथा 11,000 हाईवे सड़कें भी बनेंगी | 
  • सड़कों के निर्माण हेतु सरकार ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को 1,18,101 करोड़ रूपए की राशि आवंटित की गयी है
  • बिहार में भी इस बजट के माध्यम से अनेकों लाभ मिलने वाली है | भारतमाला परियोजना के माध्यम से दरभंगा- औरंगाबाद के बीच 272 किमी हाईवे सड़क बनेगी
  • पटना-सासाराम के बीच 136 किमी, आरा-मोहनिया के बीच 115 किमी, भजनपुर-किशनगंज के बीच 104 किमी हाईवे सड़कों का निर्माण होगा। इस मद में बिहार को लगभग 5 हज़ार करोड़ से ज्यादा की राशि मिलेगी 
  • इन योजनाओं पर द्रुत गति से कार्य हो रहा है तथा भविष्य में बिहार में कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी। बिहार में सड़क कंस्ट्रक्शन से लाखों रोजगार दिवस का सृजन हो सकेगा 
  • रेलवे के सतत विकास के लिए 1,10,000 करोड़ रूपए की राशि मिली है, जिसका एक बहुत बड़ा हिस्सा पूंजीगत व्यय के लिए निर्धारित किया गया है
  • जून 2022 तक ईस्टर्न-वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कमीशन कर लिए जायेंगे। बिहार में इसका बड़ा हिस्सा तैयार हो चूका है और निकट भविष्य में बिहार में रेलवे द्वारा माल धुलाई बढ़ने से लाभ होगा
  • वर्ष 2023 तक ब्रोडगेज रुट्स का 100% विद्युतीकरण कर लिया जायेगा 
  • इस बजट में बिहार को रेलवे के तरफ से कुल 5150 करोड़ रूपए की राशि मिलने वाली है। यह राशि पूर्व के बजट की तुलना में लगभग 355% ज्यादा है 
  • निर्मली-सरायगढ़ के बीच कोसी पुल सहित कार्य पूरा कर लिया जायेगा, जयनगर-बिजलपुरा तथा हाजीपुर बछवाड़ा के बीच नयी लाइन बिछ जाएगी। 
  • आरा तथा बलिया के बीच 65 किमी नयी लाइन के लिए सर्वे कार्य भी निष्पादित होगा। यह बिहार के सर्वांगींण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा । 

शिक्षा 

  • इस बार का बजट भी नयी शिक्षा नीति के अनुरूपता में बनाने का प्रयास किया गया है । 
  • विगत पांच वर्षों में ही इस सरकार ने शिक्षा का बजट लगभग 50% बढ़ा दिया है। वर्ष 2015 में यह 67,239 करोड़ रुपय था जो अब 99,312 करोड़ रूपए हो गया है । 
  • सरकार ने यह तय किया है की देशभर के 15,000 विद्यालय आदर्श बनाये जायेंगे | इसका मतलब है की वैश्विक स्तर की सुविधाओं तथा तकनिकी शोध-बोध के लिए वहां आदर्श स्थितियां होंगी। बिहार में बड़े संख्या में विद्यालयों का आधुनिकीकरण होगा। 

  • आदिवासी क्षेत्रों के 750 एकलव्य विद्यालयों की स्थापना भी की जाएगी ताकि हमारे समाज का आदिवासी समाज भी नयी शिक्षा के आधार से परिचय पा सके। बिहार में जमुई, बांका, पश्चिम चंपारण में नए एकलव्य विद्यालयों की स्थापना होगी
  • एससी वर्ग के छात्रों के लिए 35,219 करोड़ की स्कालरशिप राशि तय की गयी है 
  • देश में 100 सैनिक विद्यालय खोले जाने की भी योजना है, बिहार में भी नालंदा के बाद नए जिलों में सैनिक स्कूल की स्थापना होगी
  • देश के वर्कफोर्स को वैश्विक स्तर पर स्किल्ड बनाने के लिए जापान तथा युएई जैसे देश आगे आ रहे हैं। नए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कौशल आधारित पढ़ाई पर फोकस है और अन्तराष्ट्रीय बाज़ार में जिस प्रकार के कौशल और अनुभव की आवश्यकता है उस द्रष्टि से अपने मानव संसाधन को विकसित करने की योजना का हिस्सा है 
  • पढ़ाई पूरी करने के बाद विद्यार्थी को ट्रेनिंग दी जाएगी तथा इंजीनियरिंग और डिप्लोमा करने वाले विद्यार्थियों को अपरेंटिस ट्रेनिंग भी दिए जाने का प्रावधान किया गया है। बिहार के छात्र बड़े संख्या इन विषयों की पढाई करते हैं अब उन्हें भी अपरेंटिस ट्रेनिंग मिलेगी।
  • विश्वविद्यालयों की नैक ग्रेडिंग की जाएगी और स्तरीय शिक्षा अब राज्य में ही उपलब्ध होगी 
  • नए शिक्षा बजट में आवंटित होने वाली राशि की मदद से बिहार के हर जिले में आईटीआई, इंजीनियरिंग, नर्सिंग इत्यादि के कॉलेज पूर्णत संचालित हो सकेंगे।

ग्रामीण विकास 

  • तकनीक और प्रक्रिया आधारित व्यवस्था;
  • तकनीक के उपयोग से सरकारी कार्य-प्रणाली में पारदर्शिता को बढ़ावा 
  • गाँव-गाँव में डिजिटल क्रांति लाने का लक्ष्य 
  • मोबाइल और ऐप्स के माध्यम से सरकारी सुविधायों को निचले स्तर तक पहुँचाना 
  • व्यापार के लिए ऑनलाइन एकल खिड़की की व्यवस्था 

  • उज्ज्वला योजना इस सरकार की फ्लैगशिप कार्यक्रम है | इस योजना से अभी देशभर में 8 करोड़ से ज्यादा लाभार्थी हैं और ग्रामीण महिलाओं को धुंए के जीवन से मुक्ति मिली है | इस योजना से नयी 1 करोड़ नयी महिलाओं को जोड़े जाने का प्रावधान किया गया है | बिहार को इन सामजिक सुरक्षा योजनाओं का जबरदस्त लाभ मिलता रहा है | उज्ज्वला योजना के ही अकेले 86 लाख से ज्यादा लाभार्थी महिलाएं हैं | अब इसके विस्तारीकरण की नीति में लाखों महिलाओं को इसका लाभ मिलना शुरू हो जायेगा 
  • एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना अब देश के सभी 32 राज्यों में लागू किये जाने का भी प्रावधान किया गया है | इस योजना से लगभग 69 करोड़ लोग लाभ उठा रहे हैं | बिहार के ऐसे प्रवासी श्रमिक जो अन्य राज्यों में श्रम योगदान कर रहे हैं उन्हें अब उसी राशनकार्ड से कहीं भी लाभ मिल सकेगा
  • ग्रामीण इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिए 40 हज़ार करोड़ रूपए उपलब्ध कराये गए हैं | इस योजना से गावो में बेहतरीन उच्च स्तरीय सुविधाओं का विकास किया जायेगा 
  • वर्ष 2020 में पीएम स्वामित्व योजना शुरू की गयी थी जिसके तहत गावों में जमीन का पट्टा दिया जा रहा है | इसका लाभ अब सभी को मिल सकेगा
  • असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे श्रमिक, भवन निर्माण या इन्फ्रा के विकास में काम कर रहे श्रमिकों कि सम्पूर्ण जानकारी एक जगह इकठ्ठा किया जायेगा जिसे सुरक्षित रखने के लिए एक पोर्टल बनाया जायेगा | श्रम एवं रोजगार मंत्रालय का बजट भी 1441 करोड़ से बढ़ाकर 13,506 करोड़ कर दिया गया है | एक प्रकार से हम कह सकते हैं की अर्थव्यवस्था को संगठित करने के बाद अब मानव संसाधन को भी संगठित दायरे में लाने की कवायद अब जमीन पर उतरने वाली है तथा समावेशी विकास का दायरा बढेगा 
  • देशभर में बिहार के श्रमिक विकास में अपना योगदान दे रहे हैं और कोरोना जैसे महामारी के वक्त कुछ संकटों से गुजरे हैं | अब उनकी पूरी जानकारी सरकार के पास रहेगी तो उनतक लाभ का वितरण आसान हो सकेगा और लाभों इसके लाभार्थी भी होंगे 
  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी और सप्लाई चेन और विकसित होंगी तथा मानव संसाधन अब सरकारी योजनाओं से जुड़कर ज्यादा लाभ ले सकेंगे 
  • मनरेगा में भी बजट बढाया गया है, जिससे लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार दिया जायेगा

कृषि 

  • अर्थव्यवस्था के अंदर मज़बूत माँग-आपूर्ति श्रृंखला 
  • कृषि सुधार क़ानून से कृषि उत्पादों को बाज़ार के माँग-आपूर्ति श्रींखला से जोड़ने का प्रयास 
  • माल ढुलाई में तेज़ी के लिए हवाई और तेज गति के रेल सेवाओं का विस्तार 
  • नीतिगत सुधार प्रक्रिया से बाज़ार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा
  • इस बार का कृषि बजट 1,31,530 करोड़ रूपए है जिसमें संशोधित बजट की तुलना में 6% की बढ़ोतरी की गयी है

  • इस बजट में ओपेराशन ग्रीन का दायरा 22 फसलों तक बढाया गया है तथा फसल बीमा योजना में भी बढ़त की गयी है 
  • सरकार ने सिचाई की व्यवस्था और बेहतर बनाने के लिए 10 हज़ार करोड़ की राशि प्रदान की गयी है
  • देशभर की मंडियां अन इ-नेम से जोड़ दी जाएँगी और कृषक अपने उत्पाद भारत कें किसी भी क्षेत्र में बेहतर मूल्य पर बेच सकेंगे 
  • एफ.सी.आई. को 2,02,616 करोड़ रूपए दिए गए हैं, जो दर्शाता है की सरकार एमएसपी को लेकर किसी भी प्रकार से संदेह में नहीं है 
  • एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के दरवाजे एपीएमसी के लिए खोल दिए गए हैं और वे सभी जरुरी काम करवा सकेंगे 
  • बिहार में लघु सिचाई पर तेजी से काम होगा, मछली पालन, गौ पालन इत्यादि क्षेत्रों में तेजी से काम बढेगा | बजट के आधार पर अगर राज्य सरकार कुछ कदम साथ चलेगी तो आने वाले वर्षों में मीठे पानी में पैदा होने वाली मछलियों के उत्पादन में बिहार नम्बर एक राज्य बन सकेगा 
  • दीनदयाल ग्राम ज्योति जोजना से बिहार के 70 % खेतों तक सिचाई बिजली पहुंचा दी गयी है और जल्द ही यह दायरा और आगे बढेगा 
  • फ़ूड सब्सिडी भी बढ़ा दी गयी है और बिहार के गरीब तथा कमजोर वर्ग के लोग ज्यादा संख्या में इससे लाभान्वित होंगे | बिहार के 8 करोड़ लोगों तक विगत वर्ष के मार्च से नवम्बर तक मुफ्त राशन पहुंचाया गया था अब यह ज्यादा सुलभ और लाभकारी होगा 

उद्योग 

  • नीतिगत सुधार प्रक्रिया से बाज़ार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा
  • इस बजट में भारत में नए निवेश तथा टेक्नोलॉजी के उत्पत्ति पर कार्य होता दिख रहा है। यह बजट प्रधानमंत्री के सपनों का बजट है जिसमें आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना स्पस्ट तौर पर दिखाई पड़ रही है 
  • मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के दो बड़े उद्योग ऑटोमोबाइल तथा टेक्सटाइल पर सरकार ने विशेष प्रावधान किये हैं। ऑटोमोबाइल क्षेत्र में सरकार ने नयी स्क्रैप पालिसी की घोषणा की है जिसमें 50 हज़ार से ज्यादा नयी नौकरियां पैदा होंगी साथ साथ उसके निर्माण में 30% कम लागत आएगी, जिससे भविष्य में उत्पाद का रेट भी कम होगा तथा सर्सुलभ बनाने में मदद मिलेगी 
  • भारत में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए अक्केस्सरिज पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी गयी है जिससे निर्माता भारत में ही उन्हें बनाने के लिए मजबूर होंगे।
  • स्टील पर कस्टम ड्यूटी घटा दी गयी है जिससे मैन्युफैक्चरिंग पर लागत कम हो जाएगी 
  • टेक्सटाइल के क्षेत्र में भी भारत ने निर्णायक कदम बढ़ा दिया है। अगले 3 वर्षों में देश में 7 नए टेक्सटाइल पार्क बनाए जायेंगे। यहाँ सभी तरह की एकीकृत सुविधाएं दी जाएँगी ताकि निर्माण तथा ट्रांसपोर्टेशन की लागत कम हो।
  • भविष्य में भागलपुर में भी एक टेक्सटाइल पार्क मिलने की संभावना है, जिसके लिए हम संगठित तौर पर प्रयास कर रहे हैं।
  • बिहार को फ़ूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में बड़ा लाभ मिलेगा। मखाना तथा आम को जी.आई टैग मिलने के बाद विभिन्न खाद्य पदार्थों के साथ इनके प्रोसेसिंग यूनिट्स को बढ़ावा मिलना तय है।
  • फ़ूड सेक्टर 9620 करोड़ का है जो 20% के दर के बढ़ रही है। बिहार में मेगा फ़ूड पार्क्स जो बक्सर, खगडिया में अवस्थित हैं, को इस बजट से आवंटन मिल सकेगा और उनपर तेजी से काम होगा
  • वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट को बढ़ावा देकर बिहार में कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना होगी।

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