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Showing posts from March, 2020

संयम और साहस: जीतेगा भारत, हारेगा कोरोना

सुजीत कुमार, अर्थशाष्त्री एवं बैंकर कोरोना वायरस से फैली वैश्विक महामारी आज समस्त विश्व को घुटने पे ले आया है। जो कभी अकल्पनीय लगता था, आज समक्ष है। वैश्विक अर्थव्यवस्था के पहिये जड़ हो गए।  जो जहां है, वहीं  थम से गया। चीन का यह virus निर्यात विश्व को भारी पड़ता दिख रहा। 7 lakh से ज्यादा लोग विश्व मे इसके चपेट में आ गए। हजारों दम तोड़ चुके। यह आंकड़ा exponentially बढ़ रहा है। इस दर पे आने वाले हफ्तों में करोड़ों को चपेट में ले सकता है। इसीलिए भारत सरकार ने दूरदर्शी सोंच दिखाते अर्थव्यवस्था पर जीवन सुरक्षा को चुना। भारत जैसे सघन आबादी वाले देश मे कोरोना जैसी महामारी का तांडव कल्पना में ही सिहरन पैदा कर देने वाला है। पिछले बार जब वर्ष 1918 में महामारी (Spanish Flu) आयी तो अकेले भारत में सवा करोड़ जान काल के गाल में समा गए। पूरे विश्व मे यह आंकड़ा 5 करोड़ के ऊपर का रहा। आज के भारत की आबादी को देखते हुए 3-4 प्रतिशत की fatality rate (संघातिकता दर, मृत्यु) से 5 करोड़ का आंकड़ा भी छोटा दिखता है। सनद रहे कि ये 3-4 प्रतिशत दर विकसित देशों के आंकड़े हैं जहां चिकित्सा व्यवस्था बेहतरीन

कोरोना के खिलाफ युद्ध में प्रकाश बिंदु बन कर उभरेगा भारत

संतोष पाठक सचिव, CSRA एवं राजनीतिज्ञ क्या दुनिया चीन के कुकर्मों की सज़ा भुगत रही है? क्या चीन के प्रयोगशाला से निकला यह “वुहान वायरस” अंतरराष्ट्रीय राजनीति और संबंधों के नए समीकरणों की रचना करेगा? इस महामारी के खिलाफ युद्ध में भारत कितना सफल होगा और जो भी परिस्थिति उभरेगी उसमे भारत की भूमिका क्या होगी? ये ऐसे प्रश्न हैं जिन पर अभी से विचार तथा अनुसन्धान शुरू हो गया है और भारत के लोग इस विषय पर गंभीरता से चिंता कर रहे हैं| नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के सरकार में आने के बाद से ही भारत अचानक से दुनिया के राजनितिक व्यवस्था के केंद्र में आ गया था और वर्तमान के कोरोना संक्रमण काल ने भारत की भूमिका को ज्यादा महत्वपूर्ण बना दिया है| लेकिन ये सारी स्थितियां कोरोना के खिलाफ संघर्ष के आतंरिक सफलता पर भी टिकी हुई है| इस विकल्प में हमें सफल होना ही होगा, असफलता कोई विकल्प ही नहीं है| इस लेख को लिखते वक़्त दुनिया भर में 20 हज़ार से ज्यादा मौतें रिपोर्ट की जा चुकी हैं और समाचार है की अभी यूरोप सहित अमेरिका तथा एशिया के महत्वपूर्ण देश इस संक्रमण के गंभीर चपेट में हैं और इ

कोरोना का कहर

कुणाल भारती राजनीतिक एवं सामाजिक विश्लेषक  कोरोना वायरस का संक्रमण देश में तेजी से फैल रहा है | कोरोना वायरस से निपटने के लिए पूरे देश देश में पूर्ण रूप से 21 दिनों का लॉकडाउन शुरू हो गया है, परंतु बुनियादी आवश्यक वस्तुएं जैसे कि रोजाना की जरूरत में आने वाली खाद्य पदार्थ एवं स्वास्थ विभाग अपनी सेवाएं जारी रखेंगे| स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े के मुताबिक अभी तक कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज केरल में पाए गए हैं, जबकि दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है तथा कमोबेश कोरोना के खौफ का साया का वर्तमान में पूरे राष्ट्र में मंडरा रहा है | यह लड़ाई हथियारों की नहीं, धैर्य और धीरज की है | कश्मीर से कन्याकुमारी तथा कच्छ से अहोम तक हर तरफ कोरोना के खतरे से लोगों का मन दुखी है, सभी के भीतर एक अजीब सा डर बैठा हुआ, डर का माहौल बनाया हुआ है, बदसूरत सन्नाटे की आहट हर तरफ फैली हुई है| दुकानें बंद हैं, सड़कें वीरान है, दूसरे शहर में माओ की रातें भयभीत हैं | कोरोना रूपी यह आधुनिक रक्तबीज राक्षस ने वर्तमान हालात द्वितीय विश्व युद्ध से भी ज्यादा गंभीर और खतरनाक बना दिया है | रक्तबीज इसलिए, क्योंकि जो भी करोना संक्रमित