असम की एनआरसी कानून और उसकी नई समीकरण : कुणाल भारती कुणाल भारती भारतीय संविधान का भाग 2 अनुच्छेद 5 हर भारतवासी के लिए काफी महत्वपूर्ण है। जी हां, इसी अनुच्छेद की वजह से हम सब को भारत की नागरिकता प्राप्त होती है और सभी कोई इतने भाग्यशाली भी नहीं है कि उन्हें भारत की नागरिकता आसानी से मिल जाए क्योंकि हाल ही में एनआरसी कानून के तहत असम में बांग्लादेश से आए शरणार्थी (रिफ्यूजी) या फिर कहा जाए तो गैर गैरकानूनी अप्रवासी आए हैं उन्हें भारत से जाना होगा, यह संख्या तकरीबन 40 लाख लोगों की है। शायद इस तरह की घटना आजाद भारत में पहली बार हुई है जो कि संविधान के अनुच्छेद 9 के अंतर्गत है। वैसे संविधान के अनुच्छेद 6 और 7 में यह स्पष्ट किया हुआ है कि जो व्यक्ति पाकिस्तान से पलायन कर भारत मैं 19 जुलाई 1948 से पहले आया है वह पूरी तरह भारत का नागरिक है। खैर यह 40 लाख अवैध बांग्लादेशी जो कि देश में रह रहे थे और भारत की साधन पर एक तरह से बोझ थे| इस कार्य के लिए सर्वोच्च न्यायालय को जितना भी सराहा जाए वह कम है, तथा इस कार्य में सरकार की भागीदारी भी काफी सराहनीय है। इस में कोई संदेह नही...