सुजीत कुमार, अर्थशाष्त्री एवं बैंकर कोरोना वायरस से फैली वैश्विक महामारी आज समस्त विश्व को घुटने पे ले आया है। जो कभी अकल्पनीय लगता था, आज समक्ष है। वैश्विक अर्थव्यवस्था के पहिये जड़ हो गए। जो जहां है, वहीं थम से गया। चीन का यह virus निर्यात विश्व को भारी पड़ता दिख रहा। 7 lakh से ज्यादा लोग विश्व मे इसके चपेट में आ गए। हजारों दम तोड़ चुके। यह आंकड़ा exponentially बढ़ रहा है। इस दर पे आने वाले हफ्तों में करोड़ों को चपेट में ले सकता है। इसीलिए भारत सरकार ने दूरदर्शी सोंच दिखाते अर्थव्यवस्था पर जीवन सुरक्षा को चुना। भारत जैसे सघन आबादी वाले देश मे कोरोना जैसी महामारी का तांडव कल्पना में ही सिहरन पैदा कर देने वाला है। पिछले बार जब वर्ष 1918 में महामारी (Spanish Flu) आयी तो अकेले भारत में सवा करोड़ जान काल के गाल में समा गए। पूरे विश्व मे यह आंकड़ा 5 करोड़ के ऊपर का रहा। आज के भारत की आबादी को देखते हुए 3-4 प्रतिशत की fatality rate (संघातिकता दर, मृत्यु) से 5 करोड़ का आंकड़ा भी छोटा दिखता है। सनद रहे कि ये 3-4 प्रतिशत दर विकसित देशों के आंकड़े हैं जहां चि...