साथियों , २०२० के चुनाव में आपने राजद पार्टी के उम्मीदवार फतेह बहादुर कुशवाहा को आशीर्वाद दिया और वो लोकतंत्र के मंदिर में विधायक के रूप में अपना योगदान दे रहे हैं। जिस प्रकार देश की संसद भारतीय लोकतंत्र का मंदिर है , बिहार विधानसभा भी बिहार के सभी निवासियों के लिए पवित्र मंदिर है और हो भी क्यूँ न , लोकतंत्र की जननी भी तो बिहार की गौरवशाली धरती ही हैं जहां लिच्छवि और वैशाली गणतंत्र मानव सभ्यता को लोकतांत्रिक व्यवस्था का सफल संचालन कर के विश्व के राजतंत्र व्यवस्था के सामने आदर्श प्रस्तुत कर रहे थे। अब मंदिर की गरिमा होती है और लोकतांत्रिक मंदिर की गरिमा को बनाये रखने की ज़िम्मेदारी सबसे पहले तो वहाँ निर्वाचित सदस्यों पर होती है। अगर सदस्य इस कर्तव्य का निर्वहन करने में असफल रहते हैं तो फिर ये ज़िम्मेदारी समाज को अपने हाथों में लेनी होती है। आज ये पत्र लिखने का आशय ये हैं कि आपके विधायक ने सनातन संस्कृति , सभ्यता व हिंदू धर्म में वि
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